ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमा कहते है.
संसार में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है
माँ के प्यार न है कोई जवाब
न ही उसकी कोई कीमत न ही है हिसाब
माँ की वह गोद है जहाँ मानवता पाले
अगर जन्नत है कही तो माँ के आँचल तले
जब भगवान सब जगह उपस्थित न हो पाए
तब उन्होंने माँ बनाई
माँ वो ठंडी छाव है जो बच्चो को संसार के
दुःख रूपी धूप से बचाती है
हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते है
और यही दुआ करते है की इश्वर सबके सर
पर माँ का साया बनाये रखे |
संसार में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है
माँ के प्यार न है कोई जवाब
न ही उसकी कोई कीमत न ही है हिसाब
माँ की वह गोद है जहाँ मानवता पाले
अगर जन्नत है कही तो माँ के आँचल तले
जब भगवान सब जगह उपस्थित न हो पाए
तब उन्होंने माँ बनाई
माँ वो ठंडी छाव है जो बच्चो को संसार के
दुःख रूपी धूप से बचाती है
हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते है
और यही दुआ करते है की इश्वर सबके सर
पर माँ का साया बनाये रखे |
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