क्यों कभी-कभी अपने ही आंसू
झूठे लगते हैं,
और दूसरों की मुस्कान फीकी,
धुंधले लगते हैं,फिर सब रिश्ते-नाते
कसमे-वादे सब जैसे,
खुली आँखों के सपने,
अपनेपन का दम भरनेवाले,
सब हैं,बेमुरव्वत ,अपने|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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