About Ritu Jain!

New Delhi, India
I am Ritu Jain,48 years and happily married . I live in Delhi. A Housewife who is a Psychology Hons. Graduate and wants to bring cheer and smile to every person who does not have one.Being creative is my lifeline. I am very happy today that I have launched my own Blog, to share my poems,thoughts,experiences and various colors in my life.

Monday, July 26, 2010

एक पेड़ पर दो बाज प्रेमपूर्वक 
रहते थे दोनों शिकार की तलाश में निकलते और जो भी पकड़कर लाते उसे शाम को मिल बाँट कर खाते |बहुत दिन से उनका यही  क्रम चल रहा था |
एक दिन दोनों शिकार पकड़कर लौटे तो एक चोंच में चूहा था और दूसरी चोंच में साँप | शिकार दोनों हम तब तक जीवित थे | पेड़ पर बैठकर बाजो ने जब उनकी पकड़ ढीली कीतो साँप ने चूहे कोदेखा और चूहे ने साँप को |
साँप चूहे का स्वादिष्ट भोजन पाने के लिए जीभ लपकाने लगा और चूहा साँप के प्रयत्नों को देखकर अपने पकड़ने वाले बाज के डैनो में छिपने का उपक्रम करने लगा |
उस दृश्य को देखकर एक बाज गंभीर हो गया और विचार मग्न दिखने लगा , दुसरे ने उससे पूछा -दोस्त दार्शनिको की तरह किस चिंतन -मनन में डूब गये?
पहले बाज ने अपने पकड़े हुए साँप की ओर संकेत करते हुए खा कि देखते नही यह कैसा मुर्ख प्राणी है |जीभ को लिप्सा के कारण यह मौत का भी विस्मरण कर रहा है |
दुसरे बाज ने अपने चूहे की आलोचना करते हुए कहा- और इस नासमझ को भी देखो भय  इसे प्रत्यक्ष मौत से भी अधिक डरावना लगता है |
पेड़ के नीचे एक मुसाफिर सुस्ता रहा था |उसने दोनों की बाते सुनी और एक लम्बी साँस छोड़ते हुए बोला - हम मानव प्राणी भी साँप और चूहे की तरह स्वाद और भय को बड़ा समझते है , मौत तो हमें विस्मरण रहती है |
 
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