तन्हाईयाँ बहुत रुलाती हैं,जब
अपने,अपने होकर भी अपने नहीं रहते,
हकीक़त शूल की तरह चुभती है,जब
आँखों के सपने,सपने नहीं रहते,
कोई क्या करे,
जब साथ होकर भी,कोई साथ नहीं देता,
जब किस्मत साथ न हो,
तो अपना साया भी पास होकर,पास नहीं होता|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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