ऐतबार तुम पर,ख़ुद से भी ज़्यादा कर बैठे,
हम न समझे हम तुम्हारे प्रेम में क्या कर बैठे
खो कर अपने दिल का सुकून ,
हम तो जैसे दीवाने बन बैठे |
हम न समझे हम तुम्हारे प्रेम में क्या कर बैठे
खो कर अपने दिल का सुकून ,
हम तो जैसे दीवाने बन बैठे |
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
No comments:
Post a Comment