भिखारिन !!
कैसी दुखदाई रही होगी ,उसकी ज़िन्दगी,
दुखों की एक अनकही दास्ताँ है उसकी ज़िन्दगी,
डगर डगर भटकने को मजबूर है उसकी ज़िन्दगी,
बेबसी और तन्हाई से लिपटी उसकी ज़िन्दगी ,
जैसे मरने का इंतज़ार कर रही हो उसकी ज़िन्दगी|
कैसी दुखदाई रही होगी ,उसकी ज़िन्दगी,
दुखों की एक अनकही दास्ताँ है उसकी ज़िन्दगी,
डगर डगर भटकने को मजबूर है उसकी ज़िन्दगी,
बेबसी और तन्हाई से लिपटी उसकी ज़िन्दगी ,
जैसे मरने का इंतज़ार कर रही हो उसकी ज़िन्दगी|
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