सावन का पहला बादल जगाता है नए अरमान ,
आशाओं की बहुत ऊंची है उड़ान,
सागर की लहरें बदलती है करवटें हर पल,
हर लम्हां जीना चाहता है मेरा कौतूहल |
आशाओं की बहुत ऊंची है उड़ान,
सागर की लहरें बदलती है करवटें हर पल,
हर लम्हां जीना चाहता है मेरा कौतूहल |
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
2 comments:
हाँ, पर सावन आने में तो अभी टाइम है?
बाजू की कलाकृति बहुत ही आकर्षित करती है. सोचने को बाध्य करती है.
पर, अभी तो सावन आने में देर है?
बाजू की कलाकृति आकर्षित करती है. सोचने को बाध्य करती है.
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