हर दुःख को सुख में बदलता है तू,
छुप कर सब देख रहा है तू,
मौजूद है कर्ण कर्ण में तू,
प्रसन्न रहना चाहिए मनुष्यों और जीव जंतुओं को भी ,
कृपा तेरी बरस रही क्योंकि तू मुझमें है ,
और मेरी हर श्वास में भी|
छुप कर सब देख रहा है तू,
मौजूद है कर्ण कर्ण में तू,
प्रसन्न रहना चाहिए मनुष्यों और जीव जंतुओं को भी ,
कृपा तेरी बरस रही क्योंकि तू मुझमें है ,
और मेरी हर श्वास में भी|
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