दिल के कितना करीब था,
वो,
दुनिया से जल्द ही विदा हो गया,
वो,
भोली सी सूरत वाला वो ,नन्हा सा प्राणी
फुदकता रहता था ,दिन-रात
ढेर सी खुशी और सुकून देती थी,
उसकी हर बात,
उसकी हर बात,
असमय आ गया था,काल का बुलावा,
उसे,
लाख यत्न किये,पर कोई भी,न बचा पाया,
उसे|
No comments:
Post a Comment