सावन में,
तुम्हारी पायल की आवाज़,
जगाती है, कुछ नए एह्सास,
सावन में,
तुम्हारी चूड़ी की खनक,
करती है,पैदा मन में कसक,
सावन में,
तुम्हारे गजरे की महक,
बना देती है,
तुम्हारी चाहत को,और मनमोहक,
और खिला देती है,दिल में
असंख्य फूल हसरतों के|
तुम्हारी पायल की आवाज़,
जगाती है, कुछ नए एह्सास,
सावन में,
तुम्हारी चूड़ी की खनक,
करती है,पैदा मन में कसक,
सावन में,
तुम्हारे गजरे की महक,
बना देती है,
तुम्हारी चाहत को,और मनमोहक,
और खिला देती है,दिल में
असंख्य फूल हसरतों के|
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