बड़ी मधुर लगती है,
रुनझुन पायलों की,
तान बांसुरी की,
आहट वर्षा की बूंदों की,
सोंधी-सोंधी खुशबू मिटटी की,
सरसराहट पत्तों की,
बोली पपीहे की,
और,
रुनझुन पायलों की,
तान बांसुरी की,
आहट वर्षा की बूंदों की,
सोंधी-सोंधी खुशबू मिटटी की,
सरसराहट पत्तों की,
बोली पपीहे की,
और,
चुपके-चुपके तुम्हारा, मेरे सपनों में आने की|
1 comment:
abhi tak sab kuch madhur lag raha hai?? T.M. ke aane ke baad bhi gr8....
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