प्रकृति का ,
हर पत्ता-पत्ता धुल गया है,
भीग गई है ,हर एक कली,
हवा लेकर आई है,एक नई ताजगी,
लगता है,मानो बदल गया है,
सारी कायनात का स्वरुप,
बारिश की नन्ही बूंदों में शक्ति है,
निखारने की, हर किसी का रूप|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
beautiful nature poem!
little sis
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