आसमान नीला ही दिख रहा था,
वहां से भी,
पेड़-पौधे भी हरे दिखते थे,
फूलों के रंग भी चटक थे,
फर्क था तो बस,आँखों में बसे सपनों का,
जो अपने तो थे,पर उनका,
अपनों के देखे हुए सपनों से कोई सरोकार न था|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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