ऐ दिल,ले चल कहीं दूर,
जहाँ कोई न हो,मजबूर,
ऐ दिल,ले चल वहाँ,
जहाँ हो प्यार की ठंडी छाँव,
कोई न छेड़े,गम के तराने जहाँ,
हर किसी के दिल में,खिलें हो फूल जहाँ,
संतोष,शान्ति,और संयम का डेरा हो,
असंतोष और अशांति का न अँधेरा हो,
ऐ दिल,ले चल कहीं दूर,
जहाँ,समुद्र का किनारा हो,
और हर सुकून भरा पल हमारा हो,
जिंदगी की दौड़-धूप से दूर,
जहाँ हवाएं गातीं हों,प्रेम के तराने,
हर किसी के चेहरे पर मुस्कुरुराने के हो अनगिनत बहाने,
ऐ दिल ले चल..............
2 comments:
बड़ी प्यारी अभिलाषा है...अच्छा लिखा है
http://veenakesur.blogspot.com/
Soothing...........
Luv from little sis
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