सावन ने दी है,सुहानी सी दस्तक
ठंडी हवाएं बल खाने लगीं,
फूल खिलकर,मौसम को महकाने लगे,
भँवरे मस्त होकर,बागों में मंडराने लगे,
दिल में,तुम्हारी यादों के तार झनझनाने लगे,
आसमानों में,इन्द्रधनुष अपने रंगों से प्रेम के तीर चलाने लगे,
परिंदे अपने घोंसलों से बाहर आकर,
प्रकृति की अनुपम छटा का लुत्फ़ उठाने लगे|
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