निंदिया अंखियों में आने लगी,
सपने ने पहले से ही कर ली तैयारी,
बाँध लिए घुंघरू,
कुछ ले आये आंसू,
कुछ ने कर दी खुशियों की बरसात,
अंखियों में निंदिया आने लगी.......
पलकें भारी होने लगी,
तुम्हारी कही,अनकही बातें याद दिलाने को,
सपनों ने फिर से कर ली है तैयारी......
1 comment:
बेहतरीन!
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