न जाने कैसे,निर्मोही हैं आप,
हमारा दिल बेवजह दुखातें हैं
कैसे बताएं,
हमारे रोने और हंसने,दोनों की वजह आप हैं,
हमारे जीने,और आपकी बेरुखी,
से अनगिनत बार मरने की वजह भी आप ही हैं|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
2 comments:
ओह!!
भावपूर्ण!
अनगिनत बार मरने की वजह भी आप ही हैं|'
सुन्दर अभिव्यक्ति .. व्यथित मन का चित्रण
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