लौटकर नहीं आता,
कमान से निकला हुआ तीर कभी,
और जुबां से निकली हुई बात कभी ,
वापिस नहीं आता,
आँख से टपका अनमोल सा आंसू,
भोला-भाला बचपन,और सतरंगी दिन जवानी के,
लाख कोशिशों के बाद भी,आता नहीं बीता हुआ समय
और हाथ से छूटा हुआ पल कभी|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
kya baat hai ..........sachci baat
Post a Comment