ठंडी हवा हौले-हौले बहकर,
देती है कितना सुकून,
सूरज अपनी किरणों के तेज़ से,
करता है रौशन सारा जहां,
रंग-बिरंगे फूल खिलकर ,
प्रफुल्लित करते है मन को,
चंदा की चांदनी,
शीतलता प्रादान करती सबको,
प्रभु की द्यालता तो देखो,वो
कैसे कृपा बरसा रही हम सबपर |
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
No comments:
Post a Comment