काम के तले ,दबकर रह गया बचपन उसका,
छूट गए सब संगी-साथी,और हर खिलौना उसका,
क्यों नन्हे हाथों में,थमा दी इतनी जिम्मेदारियां,
उसकी हंसने,खेलने -खाने के दिनों को बनाकर बोझ,
क्या मिला तुम्हे,उस मासूम के बचपनको,अपने पैरों तले रौंद|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
ab kiska bachpan? tanvi ka kya!
little sis
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