कभी तो होगा नया सवेरा,
जो देखा सदा,खुली आँखों से,
पूरा,वो सपना मेरा,
वो है कुछ करने का जूनून,
या अधूरी हसरतों का अधबुना सा ख्वाब,
अक्सर जो लहराया करता है,साया सा बनकर,
लगता है,शीघ्र ही सामना होगा,लगन औरसंयमसे,
हकीक़त और सलोने सपनों,का मेरा|
हकीक़त और सलोने सपनों,का मेरा|
2 comments:
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- Norman
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