जिंदगी रुलाती है किसी को,
तो जिंदगी हंसाती है किसी को,
जिंदगी अपनों से दूर ले जाती है,किसी को
तो जिंदगी बिछड़ों से मिलाती है किसी को,
जिंदगी गले लगाती है किसी को,
तो जिंदगी आइना दिखाती है किसी को,
ये तो अपनी-अपनी किस्मत की बात है,
जिंदगी किसको कहाँ पहुंचाती है|
2 comments:
बहुत सुन्दर!!
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हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
bilkul sach kaha aapne!Thanks for this wonderful post.Bravo!
Little sis
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