जल कहो,नीर या पानी,
इसकेबिना कहाँ है जिंदगानी,
बिन पानी,जीव-जन्तु सब हैरान,
इसके बिना शीघ्र ही इंसान होने लगता परेशान,
पानी से चलती,हमारी साँसों की डोरी,
बादल जल न बरसाए,तो त्राहि-त्राहि करने लगता इंसान,
पानी बिन लगते फीके,छप्पन भोग,बढ़िया से बढ़िया पकवान,
बिन पानी सूने है,खेत-खलियान,नदियाँ,पेड़-पौधे,
पानी की महिमा है,न्यारी,
निर्लज को भी चाहिए,डूबने को चुल्लू भर पानी,
जल कहो,नीर या पानी...........
2 comments:
जल ही तो जीवन है
सुन्दर
very nice composition!
love from little sis
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