सपनों ने ऐसा डेरा डाला है,इन आँखों में
अब तो हकीक़त भी सपना लगती है,
क्या कहें,अब तो तुम्हारी बेरुखी भी,
हमें न जाने क्यों,अच्छी लगती है,
तुम पास हो हमारे,ये क्या कम है,
जब हमसफ़र हो तुम,तो क्या गम है|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
wow!Humsafar must read it!:)
Regards from little sis
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