फूलों की खुशबू ही नहीं,
काँटों की चुभन भी है जिंदगी,
सुबह का उजाला ही नहीं,
रात का अँधेरा भी है जिंदगी,
खुशियों का नगमा ही नहीं,
ग़मों की ग़ज़ल भी है जिंदगी,
जवानी की बहार ही नहीं,
बुडापे का पतझड़ भी है जिंदगी,
अरमानों का आकाश ही नहीं,
हकीक़त की ज़मीन भी है जिंदगी|
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