स्वागत करो,बाहें फैलाकर हर नई सुबह का,
स्वगत करो,बाहें फैलाकर हर नए मौसम का,
स्वगत करो,बाहें फैलाकर पंछियों और बहारों का,
स्वागत करो,बाहें फैलाकर सूरज,चाँद,और तारों का|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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