कभी गर्मी,तो कभी सर्दी,
सावन आया,फिर पतझर
न जाने कितने मौसम आकर
अपनी-अपनी सौगातें देकर चले गए,
बस एक ही आरज़ू है इस दिल की,
तुम्हारे प्यार की सतरंगी धुनें,सदा
हर मौसम में बजतीं रहें,
सदा यूंही, हमारे जीवन को मह्कातीं रहें|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
No comments:
Post a Comment