जहाँ भी देखो,लोगों के हुजूम नज़र आते हैं,
हर गली,हर रास्ते पर लोग ही लोग नज़र आतें हैं,
न जाने कहाँ जा रहें हैं सब के सब,
लगता है जैसे,अपना चैन खो चुकें हैं सब,
इस भीड़ में लोगों की,कोई अपना दिखता नहीं,
इंसान है बहुत,पर इंसानियत कोई रखता नहीं|
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