बांटने से कभी कम नहीं होता प्यार,
काश,कहीं मिलतीं खुशियाँ उधार,
सींचना पड़ता है उन्हें,भीतर से अपने
रंग भरके अनेक,सपनों में अपने
संगी-साथी और अपने साथ छोड़ने लगतें है,सब
हम बेवजह परेशान और उदास रहने लगतें हैं,जब
यदि, दूर करना चाहो,तुम अपने दुःख-दर्द और गम,
सदा हँसते-हंसाते रहो,दूसरों में प्रेम बांटे रहो
बन जाएगी तुम्हारी,जिंदगी खुद एक सरगम|
1 comment:
nice
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