दुनिया में अनगिनत दुखी हैं ,
उनमे से कुछ तो अपने दुखों से
हैं दुखी,
तो कुछ दूसरों के सुखों से भी,
हैं दुखी,
सहानभूति और प्रेम की आवश्यकता है,
हर प्राणी को,
हे प्रभु,विशेष कृपा करना उनपर,जो व्यर्थ गँवा देते हैं,
दूसरों से द्वेष करने में जीवन को|
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