जब मन बहुत प्रसन्न होता है,
लगता है,जैसे झूम रहा है
गगन ख़ुशी से,नाच रही है धरती,
खुशियों ने बाँध रखे हैं ,घुंघरू
और नाच रहें हैं ,छम-छम,
और बिन पंखों के उड़ रहें हैं हम|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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