वक़्त ने,साथ दिया होता तो शायद
निभा पाते तुम प्रीत हमारी,
आंसूओं के समुन्दर में यूं न
डूबती,शायद हर उम्मीद हमारी,
यूं तो जी रहें हैं,पर खोज रहें हैं,
अब तक ,
जिंदगी में कितने पल गुज़ारे ,या बीते हुए
पलों में कितनी जिंदगी गुज़री|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
No comments:
Post a Comment