रात गहरी होने लगी ,तारे
आँख-मिचौनी खेलने लगे आसमान में,
चाँद अपनी चांदनी बिखेरने लगा जब,
याद तुम्हारी,ख्वाहिशें जगाने लगी मन में,
वक़्त ने बदली है,करवट नई,
फिर से ख़ुशी लहराने लगी,तन-मन में|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
No comments:
Post a Comment