रिश्ते तो आसमान के रंगों की तरह,
कभी हलके लगने लगते हैं,
तो कभी सागर से गहरे,
कभी बड़े सरल प्रतीत होते हैं,
तो कभी बोझ जैसे भारी लगने लगतें हैं,
इंसान कितना भी भाग ले इनसे,
असंभव है जीना ,बिना निभाए रिश्ते-नाते|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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