रात से कह दो,न रहे किसी गलतफहमी में,
सुबह होगी ज़रूर,
अन्धकार से कह दो,न रहे भ्रम में,
सूरज चमकेगा ज़रूर,
निराशा से कह दो,इतना न करे गुरूर ,
आशा की रोशनी बिखरेगी ज़रूर,
गम के कोहरे से कह दो,
खुशियों की धूप खिलेगी ज़रूर|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
खुशियों की धूप खिलेगी ज़रूर
एक एक शब्द आपने मोतियों की तरह पिरो दिया है
http://dunalee.blogspot.com/
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