जीवन का सच्चा सुख पाना हो गर,
सदा झुकाकर नहीं,
कभी झुककर देखो,
दूसरों को समझाकर नहीं,
कभी खुद भी समझकर देखो,
सदा आगे नहीं,कभी किसी
के साथ चलकर देखो,
निभाना चाहो ,कोई रिश्ता दिल से
तो उसे प्रेम के धागों से बांधकर देखो|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
2 comments:
ek dam sahi kaha hai aapne.
विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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