मन बहुत तड़पा है ,तन्हाइयों में,
तुम्हारे लिए,
कितना चाहा है,दिल की गहराइयों से,
तुम्हें,
सपने अनगिनत बुनती रही,मन ही मन,
तुम्हारे लिए,
तुम न कभी थे,न कभी हो ,
हमारे लिए |
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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