चारों दिशाओं में बजने लगती हैं घंटियाँ ,
जब तुमाहरे आने कि हवा लाती है ख़बर
खुशबू से महक उठता है उपवन हर वक्त
तुम्हे ढूढती है मेरी बेचैन नज़र जाओ ,ऐसा न हो कि
ख़त्म हो जाए ज़िन्दगी का सफर.
जब तुमाहरे आने कि हवा लाती है ख़बर
खुशबू से महक उठता है उपवन हर वक्त
तुम्हे ढूढती है मेरी बेचैन नज़र जाओ ,ऐसा न हो कि
ख़त्म हो जाए ज़िन्दगी का सफर.
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