जिसे बनाया बड़े यतन से खुदा ने ,वोह माँ है
जो माफ़ कर देती हर खता ,वोह माँ है
माँ से ,जितना प्रेम करो वोह कम है,
समां जाते माँ के आँचल में सब गम है
माँ से दूर कोई कैसे रह सकता है ,
माँ कि आँखों से सिर्फ़ प्रेम बरसता है ,
जहाँ माँ है वहां मेरा संसार बसता है |
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