मन तू न होना कभी उदास,
चाहे,कोई सपना टूट जाए,
चाहे ,कोई संगी-साथी छूट जाए,
सदा सजी रहे,होठों पर मुस्कान,
चाहे,टूट जाएं कितने अरमान,
पांवों में हो छालें,चाहे हो कितनी थकान,
उड़ जाना है,आसमानों में,आशा के पंख लगाकर,
छोड़ चिंता,कल,आज और कल की,
हरपल प्रभु का सिमरन कर|
1 comment:
sukh bare din beete re bhaiya ab dash aayo re..... but relax.
Little sis
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