गाय गोबर से पृथ्वी को,गोमूत्र से जलको,
श्वास से अग्नि को,प्राणशक्ति स्पंदन से
पवन को,हुंकार से आकाश को,दूध-दही
एंव घृत से मन,बुद्धि तथा चित्त को शुद्ध-
बुद्ध एंव सशक्त पोषकता प्रदान करती है|
गौ माता के प्रत्येक अन्तस्थ दिव्य यंत्रों
से उत्पन्न ऊर्जा समष्टि प्रकृति को सदैव
मिलती रहती है|
1 comment:
very nice! really hard words where did u get this?
little sis
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