साथ तो उसने भी चाहा था,
हमसफ़र का अपने,जीवन की डगर पर
पता ही न चला,अचानक कब छूट गया,
साथ हमसफ़र का,जीवन की डगर पर,
उसके जाते ही,सूनी बड़ी लगने लगी,
जीवन की डगर,
बिन मन के मीत के,बन गया बोझिल और अंतहीन,
जीवन का सफ़र|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
I'm missing you too.
Lots of love Little sis
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