कैसा रचा है,ऊपरवाले ने
दुनिया का खेला,
हर तरफ भीड़ है,जैसे
लगा है हर तरफ मेला,
शोरो-गुल मचा है हर तरफ,
किसी को इतनी फुर्सत नहीं,
की वोह देखे किसी की तरफ,
हर प्राणी इक दूजे से बेखबर है,
बेमुरवत को कहाँ,इक दूजे की खबर है|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
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