न जाने कब दिल में हमारे,
चाहत तुम्हारी पलने लगी,
न जाने कब दिल में हमारे,
तुम्हारे प्यार की कली खिलने लगी,
रोका खुद को,बहुत
समझाया,लबों को कुछ कहने न दिया,
पर क्या करें,इन आँखों का,जिन्होंने
कोई राज़,राज़ रहने न दिया|
"MY IMAGINATION WILL GO FAR AND WIDE FROM ONE TIDE TO ANOTHER TIDE"
New Delhi |
1 comment:
sunder ati sunder.
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